'भगवान' शब्द भी लॉजिक और भावनाओं से ओतप्रोत है, इसीलिए कहते हैं कि परमात्मा कुछ भी यू ही नही बनाते हैं, चलिए जानते हैं भगवान शब्द की लीला...
सृष्टि के सभी पाचों तत्व से मिलकर बना भगवान शब्द।
'भ' से भूमि,
'ग' से गगन,
'व' से वायु,
'अ' से आकाश
'न' से नीर
प्रकृति में संतुलन बनाये रखने के लिए इन पाँच तत्वों में संतुलन परम आवश्यक है, जब तक इन पंचतत्वों में संतुलन बना रहता है तब तक यह ब्रह्माण्ड दीर्घ पर्यन्त बना रहता है, जहां इनमें असंतुलन हुआ कि प्रलय हुआ।
जल की अधिकता से जल प्रलय।
अग्नि की अधिकता से अग्नि प्रलय।
वायु की अशुद्धता से वायु प्रलय -
इस बात का तो कोई सबूत देने की जरूरत ही नही है क्योंकि ये सब तो हम अभी कुछ वर्षो में देख ही चुके हैं।